Friday 7 March 2014

मिलने वालों की तरह रोज मिला करें
कोई राब्ता न सही, चलो आँखों में ही बसा करें

यूँ  खामोश रहने का भी तो कोई सबब नहीं
और ग़र है, तो मिल के खामोश हुआ करें
ये फासला जो मुझमे और तुझमे है
थोडा थोडा इसे ही मिटाया करें
माना मरासिम नहीं तो मिल के क्या करोगे
तो चलो, मिल के कुछ न किया करें

पर मिलने वालों कि तरह रोज मिला करें
                                                   - रविशेखर मिश्रा

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